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होमलोन पर लगते हैं ये चार्ज

कई लोगों के लिए अपना मकान खरीदना एक सपना होता है। रिजर्व बैंक के हाल के कदमों के बाद अब मकान लेना लोगों की जद में आ गया है। रिजर्व बैंक ने रिस्क वेटेज को घटा दिया है। इस कारण बैंकों को ऐसे लोन के लिए अब अलग कम रकम रखनी होगी। व्यक्ति होमलोन पर भी रिजर्व बैंक ने एसेट प्रोविजन भी चौंथाई से 0.40 फीसदी की कटौती कर दी है।

रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही लोन टू वैल्यू रेश्यों (प्रॉपर्टी की कीमत पर कितना लोन मिलेगा)मे बढ़ोतरी भी की है। 30 लाख से 75 लाख तक के लोन के लिए इसको 80 फीसदी कर दिया गया है। 30 लाख तक के लोन पर अब प्रॉपर्टी की कीमत का 90 फीसदी तक लोन मिल सकेगा।

इसके बाद बैंकों ने लोन की दरों में कमी करना शुरू कर दिया। सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 75 लाख के ऊपर के लोन पर दरों में कटौती की। बैंक ने 0.10 फीसदी की कटौती कर दर 8.6 फीसदी कर दी। ये दर 15 जून से लागू हुई। एसबीआई ने एक महीने में ये दूसरी कटौती की है। कुछ दूसरे बैंकों ने भी हाल ही में लोन की दरों में कटौती की है।

होमलोन की दरें इस समय बहुत कम है इसलिए होमलोन लेने के लिए ये सही समय है। अगर आप होमलोन ले रहे हैं तो इससे जुड़े कई तरह के चार्ज के बारे में भी आपको पता होना चाहिए। होमलोन लेने की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है। इसमें सही बैंक चुनना होता है। इसके अलावा ब्याज दर भी कम होनी चाहिए। साथ ही होम लोन से जुड़े चार्ज और डॉक्यूमेंट के बारे में भी पता होना चाहिए। अतुल्य एक डिजीटल डिजाइनर है उसके घरवाले उसपर मकान खरीदने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। कुछ रिसर्च के बाद उसको पता चला कि होमलोन में सिर्फ ईएमआई का खर्च ही नहीं होता है। दूसरे कई खर्च भी होते हैं। कुल मिलाकर उसको 10 दूसरे खर्च भी देने हैं। होमलोन में कई तरह के छिपे हुए खर्च होते हैं जिनका हमको आमतौर पर पता नहीं होता है।

 

प्रोसेसिंग फीस

 

ये फीस आपके लोन की प्रोसेसिंग के लिए लिया जाता है। आमतौर पर ये फीस आपके लोन की कुल रकम का आधा से एक फीसदी होती है। प्रोसेसिंग फीस को बैंक लोन लेने वाले के प्रोफाइल, आय और लोन कैसा है इस आधार पर भी तय करते हैं। आपकी जेब पर ये खर्च 10 से 15 हजार तक हो सकता है।

 

लीगल फीस

 

कुछ बैंक या वित्तीय संस्थान लीगल डॉक्यूमेंट जैसे बिक्री के एग्रीमेंट को जांचने के लिए ये फीस लेते हैं। कुछ बैंक इसको प्रोसेसिंग फीस में भी शामिल कर देते हैं।

 

टेक्नीकल वैल्युएशन चार्ज

 

आप जिस बैंक से लोन ले रहे हैं वो आपकी प्रॉपर्टी की पूरी छानबीन करता है। वो एक एक्सपर्ट जैसे कि बैंक कर्मचारी, आर्किटेक्ट या इंजीनियर को प्रॉपर्टी की कानूनी जांच और उसकी सही कीमत जानने के लिए भेजते हैं। ये लोग आपकी प्रॉपर्टी को कई पहलुओं पर जांचते हैं। इनमें बिल्डिंग कितनी पुरानी है और कंस्ट्रक्शन कैसा है इसकी जांच की जाती है। टेक्नीकल वैल्युएशन चार्ज को लोन सेंक्शन होने से पहले देना होता है।

 

डॉक्यूमेंटेशन फीस

 

कुछ बैंक डॉक्यूमेंट की फीस अलग से लेते हैं और कुछ इसको प्रोसेसिंग फीस में शामिल कर देते हैं। आपके लोन एग्रीमेंट, ईसीएस मेंडेट के डाक्यूमेंट को संभालने के लिए ये चार्ज होता है। कुछ बैंक इसके लिए 500 से 2 हजार तक का चार्ज लेते हैं।

 

फ्रेंकिंग फीस

 

फ्रेंकिंग की प्रक्रिया के जरिए स्टॉम्प ड्यूटी के पेमेंट पूरे होने की पुष्टि की जाती है। जब आप लोन के एग्रीमेंट की स्टॉम्प ड्यूटी चुकाते हैं तब बैंक या फ्रेंकिंग एजेंसी आपके डॉक्यूमेंट को सर्टिफाई करती है कि आपने स्टॉम्प ड्यूटी चुका दी है। ये चार्ज हर राज्य में अलग अलग हो सकते हैं। आम तौर पर ये चार्ज लोन की कुल रकम का 0.1 से 0.2 फीसदी हो सकता है।

 

नोटरी फीस

 

अगर आप एनआरआई हैं तो आप और आपके पावर ऑफ एटार्नी के केवासी डॉक्यूमेंट को भारतीय दूतावास या विदेश में स्थानीय नोटरी से नोटराइज्ड करवना होगा।

 

प्री-पेमेंट फीस

 

जब आप अपना लोन समय से पहले चुकाते हैं तो बैंक आपसे ब्याज पर पैसा कमाने का मौका खो देता है। इसलिए वो आपसे ये लागू अप्रत्यक्ष तौर पर वसूलते हैं। बैंक इसके लिए पेनल्टी लगाते हैं। रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक फ्लोटिंग दर पर ये चार्ज नहीं लगता है। हालांकि फिक्स्ड लोन और स्पेशल स्कीम के तहत लिए गए लोन पर ये पेनल्टी अभी भी लगती है। ये चार्ज हर एक बैंक का अलग अलग हो सकता है।

 

डॉक्यूमेंट वापस लेने का चार्ज

 

ये चार्ज तब लगाए जाते हैं जब आप अपने लोन को समाप्त कर रहे होते हैं। ये चार्ज आपके असली डॉक्यमेंट को रिपॉजिटरी से लाकर ब्रांच में ट्रांसफर करने पर लगता है। आपके लोन और प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट सेंट्रल रिपॉजिटरी में सुरक्षित कस्टडी में रखे जाते हैं। मान लीजिए आपने पुणे की ब्रांच से से लोन लिया है और उस बैं की रिपॉजिटरी मुंबई में है तो आपके लोन और प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट मुंबई में रखे जाएंगे। जब आपका लोन समाप्त होगा तक बैंक ये डॉक्यूमेंट मुंबई से दोबारा पुणे भेजेगा। इसलिए डॉक्यूमेंट वापस लेने का चार्ज आपसे वसूला जाता है।

 

अकाउंट स्टेटमेंट का चार्ज

 

आपके लोन के अकाउंट का साल भर में एक स्टेटमेंट फ्री होता है। अगर आपको अलग से या बीच में स्टेटमेंट चाहिए तो बैंक इसके लिए आपसे 500 रुपए तक चार्ज वसूल सकता है।

 

बैलेंस ट्रांसफर चार्ज

 

अगर आप अपने बैंक से लोन की बची रकम को दूसरी बैंक में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं या किसी दूसरी लोन की स्कीम को लेना चाहते हैं तो इसके लिए भी बैंक आपसे ट्रांसफर फीस वसूलते हैं। ये फीस बचे लोन की रकम की आधी फीसदी हो सकती है। अगर आपने फ्लोटिंग दर पर लोन लिया है और इसको आप फिक्स्ड दर पर करवाना चाहते तो भी आपको चार्ज देना होगा। इसी तरह से फिक्स्ड दर से फ्लोटिंग दर पर लोन ट्रांसफर करवाने का चार्ज भी लगता है।

ये तो हो गए बैंक से जुड़े लोन के चार्ज। इसके अलावा आपको रजिस्ट्री की ड्राफ्टिंग के लिए वकील को फीस देनी होगी। कुल मिलाकर आप जो प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं उसमें प्रॉपर्टी की कीमत, स्टॉम्प ड्यूटी के अलावा 50 हजार रुपए का अतिरिक्त खर्च अपने पास जरूर रखें। इसके अलावा बैंक आपको प्रॉपर्टी की पूरी कीमत का लोन तो देगा नहीं तो 10 से 20 फीसदी मार्जिन मनी भी अपने पास जरूर रखें। आप होमलोन ले रहे हैें तो इन चार्ज से घबराएं नहीं। इनमें से कुछ चार्ज तो परिस्थिति पर निर्भर करते हैं और ये एक प्रक्रिया का हिस्सा हैं। अभी दरें कम हैं इसलिए लोन लेने का ये अच्छा मौका है।

 

 

 

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