पिछले जनà¥à¤® में नालंदा में पढ़ा था à¤à¥‚टान राज परिवार का नाती
à¤à¥‚टान की राजमाता दोरजी वांगचà¥à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ नालंदा विवि के खंडहर देखने पहà¥à¤‚ची थी। वहां उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ करने वाली à¤à¤• बात पता चली। नालंदा से लौटकर महारानी ने बताया कि उनका नाती जिगà¥à¤®à¥€ जिटेन ओंगचà¥à¤• जब à¤à¤• साल का था तब से ही पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ नालंदा विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के नाम का उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ कर रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि पहले तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समठनहीं आया लेकिन जब वह तीन साल का हà¥à¤† तो उसने बताया कि पिछले जनà¥à¤® में उसने यहां पà¥à¤¾à¤ˆ की है।
जब नालंदा खंडहर में राज परिवार पहà¥à¤‚चा तो जिगà¥à¤®à¥€ जिटेन ओंगचà¥à¤• खंडहर में मौजूद विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अवशेषों और संरचनाओं के बारे में बताने लगा। उसने यह à¤à¥€ बताया कि पिछले जनà¥à¤® में वह किस कमरे में पà¥à¤¾à¤ˆ करता था। उसने कहा कि à¤à¤—वान बà¥à¤¦à¥à¤§ की कृपा से उसका पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® राज घराने में हà¥à¤† है। महारानी ने बताया कि à¤à¥‚टान में वह जो à¤à¥€ बताता था, उसकी सारी बातें सच निकल रही हैं।