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1962 के बाद इंडो-चाइना बॉर्डर पर सबसे ज्यादा तनाव, भारत ने बढ़ाई सैनिकों की तैनाती

सिक्किम बॉर्डर पर दादागिरी करने वाले चीन से निपटने के लिए भारत ने कमर कस ली है. इसके लिए भारत ने सिक्किम के पास के इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए और ज्यादा सैनिकों को नॉन-कांबेटिव मोड में लगाया है, जहां करीब एक महीने से भारतीय सैनिकों का चीनी जवानों के साथ गतिरोध बना हुआ है. यह दोनों सेनाओं के बीच साल 1962 के बाद से सबसे लंबा इस तरह का गतिरोध है.सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ओर से दो भारतीय बंकरों को तबाह करने और आक्रामक रुख अपनाने के बाद भारत ने इलाके में और अधिक सैनिकों को तैनात किया है. गैर-लड़ाकू मोड या नॉन-कांबेटिव मोड में बंदूकों की नाल को जमीन की ओर रखा जाता है.कई साल से इस क्षेत्र में गश्त कर रही भारतीय सेना ने 2012 में फैसला किया था कि वहां भूटान-चीन सीमा पर सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही पीछे से मदद के लिए दो बंकरों को तैयार रखा जाएगा. सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना के अग्रिम मोर्चों ने उार बंगाल में सुकना स्थित 33 कोर मुख्यालय को चीन द्वारा बंकरों के लिए दी गयी चेतावनी के बारे में सूचित किया था.हालांकि सूत्रों ने कहा कि छह जून की रात को दो चीनी बुलडोजरों ने बंकरों को तबाह कर दिया था और दावा किया कि यह इलाका चीन का है और भारत या भूटान का इस पर कोई अधिकार नहीं है.

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