पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ की बधाई, गà¥à¤°à¥ नानक देव जी ने सिखाठथे ये पाठ...
नई दिलà¥à¤²à¥€ | सिख गà¥à¤°à¥à¤“ं में सबसे सरल गà¥à¤°à¥ नानक देव जी की वाणी जीवन में आगे बढ़ने की
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देती है. वे कà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤› कहते हैं आचरण के बारे में, जानिà¤
- हिंदà¥, मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, सिख या ईसाई बनने से पहले इंसान बनिà¤.
- 'इक ओंकार' यानी ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤• है और वह सà¤à¥€ जगह मौजूद है.
- केवल à¤à¤¸à¥€ वाणी बोलिà¤, जिससे आपको समà¥à¤®à¤¾à¤¨ मिले.
- पहले अपने à¤à¥€à¤¤à¤° की बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करो फिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जीतने निकलो.
- à¤à¤—वान à¤à¤• है लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सà¤à¥€ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ हैं और वो खà¥à¤¦ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का
रूप लेता है.
- अहंकार को तà¥à¤¯à¤¾à¤— देना चाहिà¤. यह इंसान का सबसे बड़ा दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ है.
- धन-समृदà¥à¤§à¤¿ से यà¥à¤•à¥à¤¤ बड़े-बड़े राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के राजा-महाराजों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ à¤à¥€ उस चींटी से नहीं की
जा सकती है, जिसमें ईशà¥à¤µà¤° का पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤°à¤¾ हो.
- अपने हाथों से मेहनत करके ही धन कमाना चाहिà¤.