Homeअपना शहर ,slider news,
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने किया श्रमिकों का सम्मान

श्रमिकों के सम्मान से बढेगा देश का गौरव
श्रमिक शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास पर भी ध्यान दें
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने किया श्रमिकों का सम्मान
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने बदलते टेक्नोलॉजी परिवेश में श्रमिकों को शिक्षित होने के साथ-साथ अपने कौशल विकास पर ध्यान देने की जरूरत बताई हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के सम्मान से ही हमारे देश का गौरव बढ़ेगा। श्री पवैया आज विश्वकर्मा जयंती पर डॉ. भगवत सहाय सभागार में भारतीय मजदूर संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय श्रमिक दिवस को मुख्य अतिथि बतौर संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्वालियर चंबल फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री आनंद मोहन छापरवाल क्षेत्रीय श्रमिक सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन श्री अविराश मिश्रा, अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के सचिव श्री राकेश चतुर्वेदी, पार्षद श्रीमती शोभा सिकरवार, भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख श्री अरविंद मिश्रा सहित बड़ी संख्या में मजदूर संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्री श्री पवैया ने उल्लेखनीय कार्य करने वाले श्रमिकों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा कि भाग्य की लकीरें श्रमिक के पसीने से लिखी जाती हैं। बिना श्रमिक का पसीना बहे दुनिया में किसी भी वस्तु का निर्माण नहीं किया जा सकता है। श्रमिक के सम्मान से ही देश का गौरव बढ़ेगा। क्योंकि देश का चहुँमुखी विकास श्रमिक वर्ग से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बोर्ड से भी इस ओर कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने देश में खेतीहर मजदूरों की मेहनत पर लाभ कमाते हुए बिचौलियों से बचाव के लिये सहकारिता के सिद्धांत पर कार्य करने की बात भी कही। इससे किसान को अपनी फसल और मेहनत का वाजिब हक प्राप्त हो सकेगा और उपभोक्ता के हितों का संरक्षण हो सकेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रमिकों के हित कल्याण में संचालित योजनाओं का जिक्र करते हुए श्री पवैया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अब जमाना बदल दिया है। अब श्रमिक और सब्जी बेचने वाले मजदूरों के बैंक खाते खुल गए हैं। जन-धन खाते खोलकर एक बड़ी क्रांति ला दी है। अब मजदूरों का भुगतान सीधे उनके खातों में हो रहा है। बिचौलियों के गोरखधंधे बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 7 करोड़ संगठत मजदूरों की संख्या और सबसे बड़ी संख्या असंगठित मजदूरों की है, जिनकी 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सरकार ने 5 हजार रूपए पेंशन देने की व्यवस्था कर दी है। उनका एक रूपए से 12 रूपए के प्रीमियम जमा कराके बीमा कराया है। अब दुर्घटना होने पर सरकार स्वयं दो लाख रूपए का चैक लेकर श्रमिक के घर पहुँच जायेगी। मंत्री श्री पवैया ने भारतीय मजदूर संघ को साधुवाद देते हुए कहा कि यह संघ राष्ट्रवाद की भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है।
श्री पवैया ने 17 सितम्बर विश्वकर्मा जयंती को श्रमिक दिवस के रूप में घोषित करने की संघ की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं स्वयं मुख्यमंत्री जी से चर्चा करूँगा और इसे मान्यता दिलाने के लिये हर संभव प्रयास करूँगा।
कार्यक्रम को ग्वालियर चंबल फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री आनंद मोहन छापरवाल, क्षेत्रीय श्रमिक सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन श्री अविनाश मिश्रा, अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के सचिव श्री राकेश चतुर्वेदी और भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख श्री अरविंद मिश्रा ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विश्वकर्मा और ऋषि दतोपंत ठेंगड़ी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कु. योगिनी ताम्बे द्वारा श्रमिक गीत गायन किया।

Share This News :