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मुन्नालाल जी घुटना पेट में ही मुड़ता है

एक कहाबत है की घुटना  पेट में ही मुड़ता है और यह कहावत ग्वालियर पूर्व विधानसभा में प्रत्याशी चयन में चरितार्थ होते दिखी है |मुन्नालाल गोयल यहाँ से प्रवल दावेदार थे ,मगर टिकिट कट गया और टिकिट महल के खाते में चला गया |अब हाथ मलने के अलाबा श्री गोयल के पास कुछ नहीं बचा है ,क्यों की घुटना पेट में मुड़ना था सो मुड़ गया |श्री गोयल  क्या महल को चुनौती देगे यह सवाल खड़ा है यानि क्या चुनाव लड़ेंगे |क्योंकि ज़मीन पर संघर्ष किया है |बात करते हैं टिकिट क्यों कटा |इसके पीछे राजनितिक पंडितों का कहना है कि जिस दिन श्री गोयल ने देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामु कि दावेदारी को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को घेरते यह  व्यान दिया था कि परिवारबाद और बंशबाद नहीं चलेगा | श्री गोयल के इस वयान से अंदर ही अंदर केंद्रीय मंत्री तोमर नाराज थे , उनकी नाराजगी के सामने किसी कि ओकात नहीं थी ,कि कोई व्यक्ति उनके निर्णय के विपरीत बोल सके |दूसरा कारण भाजपा के लोकल संघठन की शिकायत  कि श्री गोयल पार्टी लाइन से हटकर समान्तर संघठन चलाते हैं और तीसरा कारण अधिकारीयों द्वारा पार्टी नेताओं से की गई शिकायतें |यह सब बजह टिकिट काटने का कारण बने और श्री गोयल के नाम पर उनके नेता का मौन रहना यह सबसे बड़ा कारण रहा |यह भी जग जाहिर है की मामी यानी माया सिंह जी को पार्टी के साथ केंद्रीय मंत्री तोमर बहुत पसंद करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विमानतल पर माया सिंह को बधाई दे गए हैं|इसलिए श्री गोयल का विरोध अब कोई मायने नहीं रखता है 

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