निगम-मंडल में नियुक्तियों के पहले होगा प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी का गठन

निगम-मंडलों और आयोगों में अपनी राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे भाजपा नेताओं को एक बार फिर थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। संगठन और सरकार ने इन नियुक्तियों से पहले संगठन की टीम तैयार करने का निर्णय लिया है। संगठन ने तय किया है कि पहले जिलों में टीमें बनाई जाएंगी और उसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा। इसके बाद ही पार्टी नेताओं को निगम-मंडल और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए समायोजित किया जाएगा। प्रदेश के कई भाजपा नेता पिछले 20 महीनों से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार बनने के दो महीने बाद ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले साल फरवरी में अधिकांश निगम-मंडलों और बोर्डों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को हटा दिया था। तब से लेकर अब तक अटकलें लग रही थीं कि लोकसभा चुनावों के बाद कार्यकर्ताओं की राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगीअब प्रदेशाध्यक्ष बने हेमंत खंडेलवाल जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करेंगे। जिलों से उम्मीदवारों के नाम लिए जा चुके हैं। जिला अध्यक्षों से नाम लेने के बाद पार्टी ने जिलों में पर्यवेक्षक भी भेजे, जिन्होंने राजनीतिक नियुक्तियों के लिए उपयुक्त नाम तलाशे और संगठन के शीर्ष नेतृत्व को सौंप दिए हैं। पार्टी इन नामों पर विचार करके कार्यकारिणी और राजनीतिक नियुक्तियों में चयन करेगी। बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका अहम होगी। सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक नियुक्तियों और कार्यसमिति में सदस्यों के चयन में आरएसएस की राय महत्वपूर्ण होगी।