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नगर निगम के पांच अफसरों के खिलाफ EOW ने की FIR, 54 लाख की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप

स्थानीय नगर निगम और एक निजी विज्ञापन फर्म की मिलीभगत से लाखों की हेराफेरी का मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। फिलहाल निगम को 54 लाख की क्षति पहुंचाने के आरोप में केस दायर किया गया है। ईओडब्ल्यू को मिली शिकायत की जांच में खुलासा हुआ है कि साल 2017 में नगर निगम ग्वालियर ने 48 सार्वजनिक शौचालयों पर विज्ञापन लगाने के लिए निविदा जारी की थी। यह टेंडर दीपक एडवरटाइजर्स नामक फर्म को मिला था। निगम की ओर से तत्कालीन सीसीओ प्रदीप चतुर्वेदी और फर्म संचालक  के बीच अनुबंध हुआ था, लेकिन जांचकर्ताओं के अनुसार इस अनुबंध की कई शर्तें कूटरचित निकलीं।

अनुबंध में जो प्रावधान जोड़े गए, उनका मेयर-इन-काउंसिल के आधिकारिक संकल्प में कोई उल्लेख नहीं था। वहीं, शर्तों का फायदा उठाकर फर्म को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाया गया और नगर निगम को करीब 54 लाख रुपये का नुकसान हुआ। विज्ञापन की वास्तविक देय राशि करीब 72 लाख रुपये थी, लेकिन नगर निगम की समितियों ने गलत गणना कर इसे कम बताया। वित्तीय गड़बड़ी को देखकर ईओडब्ल्यू ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में नगर निगम के कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई। इनमें तत्कालीन सीसीओ प्रदीप चतुर्वेदी की मृत्यु हो जाने के चलते उन्हें छोड़कर सहायक नोडल अधिकारी शशिकांत शुक्ला, सहायक लिपिक मदन पालिया, आउटसोर्स कर्मचारी धर्मेंद्र शर्मा, अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव और देवेंद्र पालिया, अधीक्षण यंत्री जेपी पारा और उपायुक्त सुनील सिंह चौहान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं, दीपक एडवरटाइजर्स के संचालक  को भी आरोपी बनाया गया है।



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