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शनि जयंती कल, जानें कैसे कार्य करने से प्रसन्न होंगे शनि देव

इस बार शनि जयंती विशेष योग में 25 मई 2017 को मनाई जाएगी। शनि को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। वह इसलिए कि जब शनि किसी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं, तो उसे उसके कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। यदि किसी ने गलत काम किए हैं, तो शनि उसको उतनी ही क्रूर सजा देते हैं। यदि व्यक्ति शुभ काम करता है, दूसरों की मदद करता है, भूखों को भोजन कराता है, तो साढ़े साती और ढैय्या में भी शनि उसे पीड़ित नहीं करते हैं।

शनि पूजा से लाभ

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा ने बताया कि शनि की अनुकूलता से व्यक्ति से साढ़े साती, ढैय्या और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव समाप्त होता है। कार्यों में आ रही बाधाएं खत्म होती हैं। व्यापारियों को तरक्की, नौकरीपेशा को पदोन्नति मिलती है। दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियां समाप्त होती हैं। जो लोग रोगों से ग्रस्त रहते हैं या जिन लोगों की बार-बार वाहन दुर्घटना हो रही हो, उन्हें शनि की शांति के लिए पूजा करनी चाहिए। इससे राहत मिलती है।

पंडित मनीष शर्मा ने बताया कि न्याय के देवता शनि क्रूर उन्हीं के साथ होते हैं, जो अपने कार्यक्षेत्र में असावधान रहते हैं। असामाजिक तत्वों के लिए ही शनि भारी होते हैं। अच्छे लोगों से मिलने वालों, अच्छा व्यवहार करने वालों के लिए शनि मित्र होते हैं। अच्छे काम करने से शनि होते हैं प्रसन्न। निर्धन की मदद करने, पशु-पक्षियों का ध्यान रखने, भूखे-प्यासों का ध्यान देने, दूसरों की मदद करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या में परेशानी नहीं होती है। यह बात सभी राशियों पर लागू होती है।

ऐसे बनेंगे काम

 

वर्तमान में मेष, सिंह राशि के अलावा तुला, वृश्चिक और धनु पर ढैया-साढ़े साती चल रही है। 26 अक्टूबर के बाद में वृषभ और कन्या के ऊपर ढैय्या और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी और तुला पर उतर जाएगी। जिन लोगों को कड़ी मेहनत के बाद भी मनोवांक्षित फल नहीं मिल रहे हैं, उन्हें हर शनिवार को तेल की मालिश करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ भी होता है और रुके हुए काम भी बनते हैं।

बजरंगबली और प्रथम पूज्य गणेश जी का पूजन करने से भी काम बनते हैं। हनुमान भक्तों को शनि परेशान नहीं करते हैं। कहते हैं कि रावण ने शनि को अपने दरबार में उल्टा लटकाकर रखा था। लंका दहन के दौरान हनुमान जी ने ही शनि के बंधन तोड़े और उन्हें रावण की कैद से आजाद कराया था। उसी समय शनि ने वादा किया कि वे हनुमान भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे, खासतौर से साढ़े साती के समय में।

इन वस्तुओं का करें दान

 

शनि पूजा के लिए विशेष समय रात्रि या गोधूलि की वेला का यानी शाम का समय होता है। दान में लोहा, उड़द की दाल, तेल, पुराने वस्त्रों का दान निर्धनों को और तली हुई वस्तुओं का दान जैसे समोसा, कचौड़ी का दान निर्धनों को करना

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