विशà¥à¤µ का सबसे बड़ा शिव मंदिर, यहीं शिव ने दिया था बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ जी को शाप
तमिलनाडॠके तिरà¥à¤µà¤¨à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ जिले में शिव का अनूठा मंदिर है। अनà¥à¤¨à¤¾à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ परà¥à¤µà¤¤ की तराई में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ इस मंदिर को अनामलार या अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° शिव मंदिर कहा जाता है। यहां हर पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की à¤à¥€à¤¡à¤¼ उमड़ती है। खासतौर पर कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर विशाल मेला लगता है। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ यहां अनà¥à¤¨à¤¾à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ परà¥à¤µà¤¤ की 14 किलोमीटर लंबी परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ कर शिव से कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की मनà¥à¤¨à¤¤ मांगते हैं। माना जाता है कि यह शिव का विशà¥à¤µ में सबसे बड़ा मंदिर है।
मंदिर की कथा : à¤à¤• बार बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ ने हंस का रूप धारण किया और शिवजी के शीरà¥à¤· को देखने के लिठउड़ान à¤à¤°à¥€à¥¤ उसे देखने में असमरà¥à¤¥ रहने पर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ ने à¤à¤• केवड़े के पà¥à¤·à¥à¤ª से, जो शिवजी के मà¥à¤•à¥à¤Ÿ से नीचे गिरा था, शिखर के बारे में पूछा। फूल ने कहा कि वह तो चालीस हजार साल से गिरा पड़ा है।
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ को लगा कि वे शीरà¥à¤· तक नहीं पहà¥à¤‚च पाà¤à¤‚गे, तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने फूल को यह à¤à¥‚ठी गवाही देने के लिठराजी कर लिया कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ ने शिवजी का शीरà¥à¤· देखा था। शिवजी इस धोखे पर गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ हो गठऔर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ को शाप दिया कि उनका कोई मंदिर धरती पर नहीं बनेगा। वहीं केवड़े के फूल को शाप दिया कि वह कà¤à¥€ à¤à¥€ शिव पूजा में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं होगा। जहां शिवजी ने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ को शाप दिया था, वह सà¥à¤¥à¤² तिरà¥à¤µà¤¨à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ है।