केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर 20 प्रतिशत बढ़ाई इंपोर्ट ड्यूटी, महंगा होगा रिफाइंड आइल

दीपावली के पहले खाने के तेल के दाम बढ़ने के आसार हैं। सरकार खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा कर दी है। इस एक तीर से तीन निशाने सध जाएंगे। देश के तेल उद्योग की मांग पूरी होगी। किसानों की उपज का दाम बढ़ जाएगा और सरकार के कंधों से समर्थन मूल्य पर खरीद का बोझ भी खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि 'किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाइयों-बहनों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा।
आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। जिससे किसान भाइयों-बहनों को उनकी फसल के ठीक दाम मिल सकेंगे।
इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा, और उसका निर्यात हो सकेगा। साथ ही सोया से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी लाभ मिलेगा। किसानों के हित में इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक आभार।'
महंगा होगा तेल
इस निर्णय से जनता को महंगा तेल खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। देश में अपरिष्कृत खाद्य तेल विदेश से आयात करने पर फिलहाल 5 प्रतिशत ड्यूटी लग रही थी। 2023 के पहले तक आयात पर कुल शुल्क 37-38 प्रतिशत था।
20 से 30 रुपये बढ़ सकते हैं रेट
खुदरा बाजार में सोयाबीन रिफाइंड के दामों में 20 से 30 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। दरअसल तेल उद्योगों के प्रमुख प्रतिनिधि संगठन दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) और साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) केंद्र सरकार से मांग कर चुके थे कि आयात ड्यूटी बढ़ाकर पुराने स्तर पर लाना चाहिए।