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खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव से महंगाई पर जोखिम

खुदरा महंगाई के लगातार दूसरे महीने चार फीसदी से नीचे रहने के बावजूद खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकस्मिक जोखिम बना हुआ है। हालांकि, अगले साल से राहत मिलने की उम्मीद है।आरबीआई ने शुक्रवार को जारी बुलेटिन में कहा, वैश्विक आर्थिक गतिविधि धीमी पड़ रही है। महंगाई में कमी की रफ्तार सुस्त होने से मौद्रिक नीति अधिकारियों के बीच सतर्कता बढ़ रही है। इसमें आगे कहा गया है कि 2024-25 में खुदरा महंगाई 2023-24 के 5.4 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी पर आ सकती है। 2025-26 में यह और कम होकर 4.1 फीसदी पर आ जाएगी। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम ने लेख में कहा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में घरेलू खपत तेजी से बढ़ने की राह पर है क्योंकि महंगाई घट रही है।बुलेटिन में कहा गया है कि सितंबर पिछले 14 वर्षों में मेनबोर्ड व एसएमई दोनों क्षेत्रों में आईपीओ के लिए सबसे व्यस्त महीना होने वाला है। अब तक 28 से अधिक कंपनियां बाजार में प्रवेश कर चुकी हैं। प्राथमिक इक्विटी बाजार में बड़े पैमाने पर ओवरसब्सक्रिप्शन के साथ एसएमई की आईपीओ में रुचि बढ़ी है। सेबी के अध्ययन का हवाला देते हुए लेख में कहा गया है कि निवेशकों को मिले आईपीओ शेयरों में से 54 फीसदी शेयर लिस्टिंग के एक सप्ताह के भीतर बेच दिए गए थे।

 

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