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नवरात्र विशेष: 427 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग,किनके लिए है सर्वाधिक शुभ, जानिए, बनेंगे हर बिगड़े काम

अब पितृपक्ष समाप्त ही होने वाले हैं। सिर्फ चार दिन पितरों को खुश करने के लिए बचे हैं। उसके बाद शुरू हो जाएंगे नवरात्र। हिंदुओं में ये दोनों त्यौहार खासी अहमियत रखते हैं। एक ओर जहां लोग अपने पितरों के लिए समर्पित होते हैं, तो वहीं दूसरी ओर मां दुर्गे को समर्पित हो जाते हैं। नवरात्र के नौ दिन हिंदू मां दुर्गा की उपासना करते हैं। चारों ओर रौनक ही रौनक होती है। पितृपक्ष और नवरात्र दोनों का ही हिंदुओं के बीच एक और खास महत्व ये होता है कि जहां पूरी पितृपक्ष ये लोग कोई शुभ काम नहीं करते, वहीं नवरात्र के पहले दिन से ही शुभ कामों के लिए मुहूर्त निकलने लगते हैं। इसी क्रम में इस साल का नवरात्र का संयोग तोविशेषहै। आइए, जानें कैसा है ये संयोग और किन लोगों के लिए ज्यादा शुभ है...

ऐसा है संयोग
इस साल जिस संयोग में नवरात्र पड़ रहे हैं, वह बहुत सर्वश्रेष्ठ है। मां दुर्गा की उपासना करने वालों का अभीष्ट फल दिलाने वाला है। कहा जा रहा है कि जिस संयोग में इस बार नवरात्र पड़ रहे हैं, वह अब से बीते 427 साल तक पंचांग में नहीं पड़ा। गोयाकि इस बार पितृपक्ष सिर्फ15 दिन में ही खत्म हो जाएंगे। वहीं नवरात्र भी नौ की बजाए 10 दिन के पड़ रहे हैं। बताया गया है कि इससे पहले ये संयोग 1589 में बना था। वहीं इस साल के बाद ये संयोग फिर साढ़े चार सौ साल बाद बनेगा। ये संयोग अद्भुत है, शुभकारी है...फलकारी है...कल्याणकारी
ज्योतिषियों की नजर में...
ज्योतिषियों का मानना है कि ऐसे पितृपक्ष का घटना और नवरात्रि के दिनों का बढऩा बेहद शुभ संकेत होता है। ये संकेत साफ इस ओर इशारा कर रहा है कि यह साल व्यापारियों के लिए काफी शुभ होगा। इसके साथ ही वे लोग, जो ईश्वर पर आस्था रखते हैं...विश्वास करके पूरी लगन और मेहनत के साथ कर्म करते हैं, उनको खूब सफलता दिलाएंगी मां दुर्गा।
है।
सुबह-शामकरेंदुर्गा सप्तशतीका पाठ...
इन दस दिनों के नवरात्र के बारे में बताया गया है कि तृतीया दो दिन पड़ेगी। फिलहाल नवरात्र 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले हैं। ये 10 अक्टूबर तक चलेंगे। 11वें दिन दशहरा होगा। वैसे भी नवरात्र के दिनों में कोने-कोने में रौनक का माहौल हो जात है। वहीं जब इसमें संयोग बनेगा और भी ज्यादा शुभ का, तो सोचिए मां के भक्तों के के तो कहने ही क्या। ऐसे शुभ संयोग में यदि व्यक्ति रोज मां दुर्गा के सामनेदुर्गा सप्तशतीका सुबह-शाम पाठ करेगा, तो निश्चित ही उसकी सभी मनोकमानएं पूरी होंगी।

 

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